हर ख़ुशी है लोगों के दामन में,पर एक हँसी के लिए वक़्त नही.दिन रात दौड़ती दुनिया में,ज़िंदगी के लिए ही वक़्त नही.माँ की लोरी का एहसास तो हैपर माँ को माँ केहने का वक़्त नही.सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,अब उन्हे दफ़नाने का भी वक़्त नही.सारे नाम मोबाईल में हैंपर दोस्ती के लिए वक़्त नही.गैरों की क्या बात करें,जब अपनो के लिए ही वक़्त नही.आँखों मे है नींद बड़ी,पर सोने का वक़्त नही.दिल है गमो से भरा हुआ,पर रोने का भी वक़्त नही.पैसों की दौड़ मे ऐसे दौड़े,की आराम का भी वक़्त नही.पराए एहसासों की क्या क़द्र करें,जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नही.तू ही बता ए ज़िंदगी,इस ज़िंदगी का क्या होगा,की हर पल मरनेवालों को,जीने के लिए भी वक़्त नही.......!
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Monday, May 18, 2009
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very good and very atractive . u say very truely . good well done
ReplyDeletetu lotkar na aaya mere jindgi ke sukun
ReplyDeletetere aane ke gine din to anguliya roi
tere aane ki khabar gairo ke labbo se sunkar
jo tere naam par aai hichakiya roi.!
-Raj Bijarnia
9414449936